तालाब की आत्मकथा निबंध Talab ki atmakatha in hindi

Talab ki atmakatha in hindi

दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आए हैं तालाब की आत्मकथा। आप इसे जरूर पढ़ें तो दोस्तों चलिए पढ़ते हैं आज की हमारी इस आत्मकथा को

Talab ki atmakatha in hindi

मैं एक तालाब हूं। मेरा अस्तित्व इस पृथ्वी पर तब से है जब से यह पृथ्वी है। मैं मनुष्य, पशु पक्षियों सभी की मदद करता हूं, उन्हें पानी उपलब्ध कराता हूं। मैं कई सारे जंगलों, बगीचों आदि में पाया जाता हूं, लोग मुझे देखकर काफी खुश होते हैं क्योंकि मैं उनके जीवन में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हूं, मैं उनकी प्यास भुझाता हूं।

मैं कभी भी लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाता, कई बार कई पशु पक्षी मेरे पानी के न मिलने की वजह से मारे जाते हैं इसलिए मैं उनके जीवन में काफी जरूरी हूं। मैं किसी का भी बुरा नहीं करता, मेरे जल के आसपास कई सुंदर-सुंदर पुष्प उत्पन्न होते हैं जो मेरी सुंदरता को और भी काफी बड़ा देते हैं। 

प्राचीन काल से ही मेरा काफी अच्छा इतिहास रहा है, लोग किससे, कहानियों के बारे में भी मुझमें पढ़ते हैं और मेरी प्रशंसा करते हैं। आज के इस आधुनिक युग में बहुत कुछ पदला है लेकिन जल की महत्वता दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जल के महत्व को लोग समझ तो रहे हैं फिर भी मेरे जैसे कई तालाब के जल को प्रदूषित करते जा रहे हैं, यह बिल्कुल भी सही नहीं है।

जल प्रदूषण एक काफी बुरी समस्या है इसकी वजह से मेरा जल प्रदूषण होता है, मुझमें उपस्थित कई जीव जंतु, पशु पक्षी, पेड़ पौधे, फूल आदि नष्ट हो जाते हैं, मैं प्रदूषित हो जाता हूं इसकी वजह से जरूरतमंद लोगों या जानवरों के पीने योग्य भी नहीं रहता, लोग बिना वजह ही पता नहीं क्यों मुझमें कई तरह की पॉलिथीन, कागज आदि डालते जा रहे हैं यह बिल्कुल भी सही नहीं है।

अपनी इस आत्मकथा के जरिए बस मैं आपसे यही कहना चाहूंगा कि आप मुझे किसी भी तरह से प्रदूषित मत कीजिए क्योंकि यदि आप मुझे प्रदूषित कर रहे हैं तो वास्तव में वह सबसे बड़ा नुकसान आपका ही है।

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